➤ शिमला रोपवे प्रोजेक्ट को केंद्र से मिली पहली चरण की मंजूरी
➤ 13.79 किलोमीटर लंबी रोपवे परियोजना पर खर्च होंगे 1734.70 करोड़ रुपए
➤ ट्रैफिक जाम और कार्बन उत्सर्जन कम करने में मिलेगी बड़ी मदद
शिमला। राजधानी शिमला के लिए एक बड़ी सौगात के रूप में केंद्र सरकार ने रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को फॉरेस्ट (कंजरवेशन) एक्ट, 1980 के तहत पहली चरण की मंजूरी (Stage-I Approval) प्रदान कर दी है। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने दी।
उन्होंने बताया कि लगभग 13.79 किलोमीटर लंबा रोपवे प्रोजेक्ट करीब 1734.70 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा, जो शहर के प्रमुख स्थलों को आपस में जोड़ेगा। यह परियोजना शिमला के शहरी परिवहन तंत्र में सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगी।
अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र ने 6.1909 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और इस प्रक्रिया में सभी पर्यावरणीय और कानूनी मानकों का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पर्यटकों को एक नया, आनंददायक और पर्यावरण-हितैषी यात्रा अनुभव मिलेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना शिमला की जनता के लिए एक बड़ी सौगात है और राज्य सरकार के ‘ग्रीन हिमाचल’ के लक्ष्य को साकार करने में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने इस परियोजना को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्रालय का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्यावरण संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी और निर्माण से जुड़ी सभी गतिविधियां वन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जाएंगी।



